केंद्रीय हिंदी संस्थान, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 1961 ई. में स्थापित एक स्वायत्त शैक्षिक संस्था है। इसका संचालन स्वायत्त संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा किया जाता है। संस्थान का मुख्यालय आगरा में स्थित है और इसके आठ क्षेत्रीय केंद्र – दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर एवं अहमदाबाद में हैं।
केंद्रीय हिंदी संस्थान का प्रमुख कार्य-क्षेत्र देश के हिंदीतर राज्यों और विदेशों में द्वितीय/ विदेशी भाषा के रूप में हिंदी का शिक्षण-प्रशिक्षण, हिंदीतरभाषी शिक्षकों का शिक्षक नवीकरण, अपने विशिष्ट शैक्षणिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अनुसंधान एवं शिक्षण सामग्री निर्माण और देश विदेश में हिंदी का प्रचार-प्रसार एवं प्रोत्साहन करना है। इस दृष्टि से केंद्रीय हिंदी संस्थान को हिंदी शिक्षण के विशिष्ट केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है।
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा में 'विदेशों में हिंदी प्रचार-प्रसार योजना' के अंतर्गत प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में 100 विदेशी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता रहा है। विश्व स्तर पर हिंदी के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार उद्देश्य को विस्तार देने के लिए सत्र 2024-25 से सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 कर दी गयी है। यह निर्णय शैक्षिक सत्र 2024-25 के विदेशी अभ्यर्थियों के प्रवेश हेतु आयोजित 'प्रवेश समिति की बैठक (दिनांक 20.05.2024) में लिया गया है। इस बैठक में शिक्षा मंत्रालय एवं विदेशी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 18 वर्ष से 45 वर्ष तक बढ़ाते हुए प्रवेश देने का निर्णय लिया गया।
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